1. प्रत्येक खेत की मिट्टी का नमूना अलग से लें। 2. अगर एक ही खेत की मिट्टी अलग-अलग तरह की हो तो मिट्टी के गुण अनुसार खेत को बांटकर नमूने लें। 3. खड़ी फसल में कतारों से नमूना लें। 4. ऊसर (क्षार), पेड़ों के पास, खाद के ढेर के स्थान, सिंचाई नाली के पास एवं निचले क्षेत्र से नमूना नहीं लें। 5. बरसात या सिंचाई से पूर्व ही मिट्टी का नमूना लेना चाहिए। 6. सामान्यतः फसल उत्पादन के लिए मिट्टी का नमूना जमीन की सतह से 22.5 सेमी की गहराई तक लिया जाता है। 7. नमूना लेने के लिए बरमा (सोइल अगर), फावड़ा, खुरपी मे से किसी भी एक का प्रयोग कर सकते है। मिट्टी का नमूना लेने की सही विधि:- 1. पहले जमीन की सतह से घास फूस को हटा दें। 2. सतह से 22.5 सेंटीमीटर गहराई तक एक तिकोना अंग्रेजी के अक्षर "वी" (V) के आकार का गड्ढ़ा बनायें। 3. उपरोक्त V आकर के गड्ढ़े में से ऊपर से नीचे तक लगभग एक इंच मोटी मिट्टी की परत को खुरच कर अलग कर लें। 4. इस प्रकार एक हैक्टेयर खेत मे से कम से कम 5-6 जगहों से नमूने इकट्ठे करें, ताकि पूरे खेत की जमीन के लिए मृदा जाँच का नमूना ठीक तरह से तैयार हो सके। 5. सभी जगह की मिट्टी को एक साथ अच्छी तरह मिलाकर ढेर बना लें। अब उस ढेर की मिट्टी को समान चार भागों में बांटें, और आमने-सामने के दो भागों को मिलाकर शेष बचे दो भागों की मिट्टी को फेंक दें। 6. इस प्रक्रिया को तब तक दोहरायें जब तक नमूने के लिए 500 ग्राम मिट्टी शेष रह जायें, और अंत मे नमूने की मिट्टी को साफ थैली में भर लें। 7. मृदा नमूने (Soil Sample) की थैली के साथ निम्न सूचना पर्ची पर लिखकर थैली के अन्दर एवं थैली के ऊपर भी लिख दें। (i). किसान का नाम (ii). खेत का खसरा नम्बर या खेत की पहचान का नाम/नम्बर (iii). खेत मे पूर्व मे बोई गई फसल का नाम (iv). नमूना लेने की तारीख (v). निकट भविष्य में उगाई जाने वाली फसलों के नाम उपरोक्तानुसार तैयार मिट्टी के नमूने को निकटतम मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में जाँच हेतु जमा करवानें के बाद अपनी मिट्टी का "मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card)" प्राप्त करना सुनिश्चित करें। निकटतम मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के लिए यहाँ मिलें; 1. जिले के कृषि विभाग की मृदा परीक्षण प्रयोगशाला 2. क्षेत्र के कृषि विज्ञान केन्द्र की मृदा परीक्षण प्रयोगशाला 3. राज्य/केन्द्र सरकार द्वारा संचालित अन्य मृदा परीक्षण प्रयोगशाला
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मिट्टी की जाँच के लिए नमूना लेने का तरीका
खेतों में उगाई जाने वाली फसलों के लिए मिट्टी में सभी आवश्यक मुख्य (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश) एवं गौण (सल्फर, जिंक, फेरस इत्यादि) पोषक तत्वों की कितनी मात्रा मृदा में उपलब्ध है तथा कितनी मात्रा और डालने की जरूरत है, इसकी जानकारी के लिए प्रायः मिट्टी परीक्षण (Soil Testing) कराया जाता है।
मिट्टी का नमूना लेने से पूर्व ध्यान रखने वाली बातें:-
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