इस घोषणा का लाभ प्राथमिक सहकारी कृषि समितियों (पैक्स), जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास बैंक के ऋणी किसानों को मिलेगा. किसानों को अब बैंक से ली गई मूल ऋण राशि ही केवल चुकानी होगी
हरियाणा सरकार ने 02 सितम्बर 2019 को सहकारी बैंकों से लिए गए फसली ऋणों पर 4,750 करोड़ रुपये का ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया है. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के दस लाख किसानों को फायदा होगा. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भिवानी में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान पैकेज का घोषणा किया.
इस घोषणा का लाभ प्राथमिक सहकारी कृषि समितियों (पैक्स), जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास बैंक के ऋणी किसानों को मिलेगा. किसानों को अब बैंक से ली गई मूल ऋण राशि ही केवल चुकानी होगी.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य
• प्राथमिक कृषि एवं सहकारी समितियों से करीब 13 लाख किसानों ने ऋण ले रखे हैं, जिनमें से करीब 8.25 लाख किसानों के खाते एनपीए घोषित हो चुके हैं.
• इस योजना का लाभ लेने हेतु किसानों को एकमुश्त समाधान तीन महीने में सहकारी बैंकों से लिए गए कर्ज की मूल राशि जमा करानी होगी.
• मूल ऋण की अदायगी की अंतिम तारीख 30 नवंबर 2019 तय की गई है.
• फसली ऋणों की अदायगी समय पर नहीं करने वाले किसानों को पांच फीसदी की दर से ब्याज पर दंड लगाई जाती थी, जो अब पूरी तरह माफ की जाएगी.
• राज्य के करीब 85 हजार किसानों ने जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से ऋण लिए हैं, जिनकी मूल ऋण राशि 1800 करोड़ रुपये बनती है, जिनमें से करीब 32 हजार किसानों के खाते एनपीए हो गए हैं.
• मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा की जिन किसानों ने जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से पांच लाख रुपये तक का ऋण लिया है, उन्हें दो फीसदी ब्याज दर में छूट, पांच से दस लाख रुपये तक के ऋण वाले किसानों को पांच फीसदी ब्याज दर में छूट और 10 लाख से अधिक के ऋण पर 10 फीसदी ब्याज दर में छूट दी जाएगी.
इस योजना के तहत जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों को कुल 1,800 करोड़ रुपये का लाभ होगा. इसी प्रकार जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से प्रदेश के करीब 85 हजार किसानों ने कुल 3,000 करोड़ रुपये के ऋण लिए हैं. इसमें से करीब 32,000 किसानों के खाते एनपीए हो चुके हैं जो कुल 800 करोड़ रुपये के बनते हैं.