विश्व बैंक की इस रिपोर्ट के अनुसार, इस कोविड - 19 महामारी का प्रकोप ऐसे समय पर हुआ जब भारत की अर्थव्यवस्था में पहले से ही वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियों के कारण धीमी गति से विकास हो रहा था.

विश्व बैंक ने अपनी दक्षिण एशिया आर्थिक फ़ोकस रिपोर्ट में यह कहा है कि वर्ष 1991 में आर्थिक सुधारों के बाद से भारत में इस वित्त वर्ष 2021 में सबसे धीमा आर्थिक विकास होगा. भारत में यह धीमी आर्थिक विकास दर कोरोना वायरस महामारी के परिणामस्वरुप होगी जिससे भारत की अर्थव्यवस्था गंभीर रूप से प्रभावित हुई है.

विश्व बैंक की इस रिपोर्ट के अनुसार, इस कोविड - 19 महामारी का प्रकोप ऐसे समय पर हुआ जब भारत की अर्थव्यवस्था में पहले से ही वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियों के कारण धीमी गति से विकास हो रहा था. भारत द्वारा कोरोना वायरस के खिलाफ बरती जाने वाली सावधानियों के परिणामस्वरूप भी वित्त वर्ष 2021 में विकास में तेज़ी से कमी आयेगी. 

 

विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि भारत में लंबे समय तक लॉकडाउन जारी रहने के कारण आर्थिक परिणाम पूर्व-अनुमानों से कहीं अधिक गंभीर/ ख़राब हो सकते हैं. 

विश्व बैंक की रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं:

• विश्व बैंक के अनुसार, वित्त जो 1 अप्रैल से शुरू हुए वर्ष 2021 में भारत की अर्थव्यवस्था 1.5 प्रतिशत से 2.8 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है. 30 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2019-20 में भारत के लिए पूर्व अनुमानित विकास दर 4.8 प्रतिशत से 5 प्रतिशत थी.

• भारत सरकार के इस लॉकडाउन के दौरान उड़ानों के निलंबन, कारखानों और व्यवसायों को बंद करने के साथ ही लोगों और वस्तुओं की आवा-जाही को प्रतिबंधित किया गया है जिससे देश का सेवा क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित होगा.

 

• विश्व बैंक के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 में कोविड - 19 के प्रभाव में कमी आने के कारण भारत का आर्थिक विकास 5% तक बढ़ने की उम्मीद है.

• अपनी इस रिपोर्ट में, विश्व बैंक ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रों का भी निरीक्षण किया है, जिसमें मुख्य रूप से आठ देश शामिल थे. इस साल 1.8 प्रतिशत से 2.8 प्रतिशत तक वृद्धि का अनुमान लगाया है. यह अनुमान छह महीने पहले लगाये गए अनुमान 6.3 प्रतिशत से काफ़ी कम है.

• विश्व बैंक की इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1 प्रतिशत से कुछ अधिक राशि को उन सभी कार्यक्रमों के लिए अलग कर दिया है, जिनके तहत बेरोजगारों को मुआवजा देने के साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र के खर्च, मुफ्त भोजन, ब्याज मुक्त ऋण, और नकदी के अंतरण की व्यवस्था भी की जायेगी. 

 

अन्य अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा भारत के आर्थिक विकास का अनुमान:

• एशियाई विकास बैंक ने भारत की आर्थिक विकास दर को चालू वित्त वर्ष में 4 प्रतिशत तक कम करके आंका है.

• स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत के जीडीपी के पूर्वानुमान को 5.2 प्रतिशत से 3.5 प्रतिशत तक कम कर दिया है.

• फिच रेटिंग ने भारत की अनुमानित वृद्धि 2 प्रतिशत दर्शाई है.

• इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने अनुमान लगाया है कि भारत की वृद्धि दर पूर्व अनुमान 5.5 प्रतिशत से कम होकर 3.6 प्रतिशत तक रहेगी.

• मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज ने भारत की अनुमानित विकास दर 5.3 प्रतिशत के पूर्व अनुमान से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दी है.

 

विश्व बैंक द्वारा इस चुनौती से निपटने के लिए सुझाए गए उपाय:

• रोग के प्रसार को कम करने के साथ यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास करना कि हर किसी को भोजन उपलब्ध हो.

• विशेष रूप से स्थानीय स्तर पर, अस्थायी नौकरी मुहैया करवाने वाले कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.

• छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों को दिवालिया होने से बचाने के लिए प्रयास किये जाने चाहिए. 

विश्व बैंक और भारत इस चुनौती से निपटने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं:

विश्व बैंक ने भारत को 1 बिलियन अमरीकी डालर की सहायता देने की मंजूरी दी है और पहले ही इस राशि का पहला हिस्सा जारी कर दिया गया है. इस फंड का पहला हिस्सा स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में आपात स्थिति से निपटने में मदद करेगा, जिसमें नागरिक नैदानिक उपकरणों का वितरण भी शामिल है. इसमें परीक्षण और परीक्षण उपलब्ध कराने की अतिरिक्त क्षमता शामिल होगी जिससे देश की पूरी आबादी को फायदा मिल सके.

 

इसके अलावा, विश्व बैंक भारत के साथ दो अतिरिक्त कार्यक्रमों के लिए भी सहयोग कर रहा है जिनके कुछ सप्ताह में तैयार होने की उम्मीद है. इन कार्यक्रमों में बैंकिंग और सूक्ष्म उद्योग, रोजगार, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को सहायता उपलब्ध करवाना शामिल है.

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