दरअसल कोरोना वायरस महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. केंद्र सरकार का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हो गया है. इसके अलावा इस महामारी के चलते सरकार को आर्थिक मामलों से जुड़े कई बड़े फैसले करना पड़े हैं.

केंद्र सरकार ने कोविड-19 संकट के कारण जुलाई 2021 तक सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (DA) और पेंशन भोगियों को महंगाई राहत (DR) की बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है. सरकारी नोटिस के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों को उनके मूल वेतन और पेंशनभोगियों को उनकी पेंशन के 17 प्रतिशत की मौजूदा दर पर डीए और डीआर मिलना जारी रहेगा.

सरकार आने वाली 30 जून, 2021 तक अब 1 जनवरी, 2020, 1 जुलाई, 2020 और 1 जनवरी, 2021 से बकाया किसी राशि या अतिरिक्त किस्तों का भुगतान नहीं करेगी. सरकार अब 1 जुलाई, 2021 को महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में किसी भी नई बढ़ोतरी के साथ पिछली बढ़ोतरी के सभी बकाया के बारे में विचार करेगी.

 

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी एक कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से यह जानकारी साझा की गई थी.

केंद्र सरकार के इस कदम का उद्देश्य भारत में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न संकट को कम करना और भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना है.

मार्च में DA/ DR में हुई वृद्धि

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2020 में 7 वें वेतन आयोग की सिफारिश पर DA में बढ़ोतरी को 4 प्रतिशत से 21 प्रतिशत करने की मंजूरी दी थी. यह बढ़ोतरी 1 जनवरी, 2020 से प्रभावी थी.

इस अनुमोदन के बाद, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 1 जनवरी, 2020 से DA/ DR की अतिरिक्त किस्तें दी जानी थीं. हालांकि, केंद्र सरकार ने अब इन सभी बकाया राशियों का भुगतान आगामी  1 जुलाई, 2021 तक टाल दिया है.

 

महंगाई भत्ता या महंगाई राहत क्या है?

लगातार बढ़ती हुई महंगाई की भरपाई करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपने सभी सरकारी कर्मचारियों को दी जाने वाली राशि महंगाई भत्ता कहलाती है. इसी तरह, महंगाई राहत सरकारी पेंशनरों को दी जाने वाली राशि है.

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