अंतरिक्ष पर्यटन के साथ ही सरकार ने निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए इसरो का डाटा उपलब्ध कराने का फैसला किया है. भारत ने अपने गगनयान मिशन के लिए अपने वायुसेना के पायलटों को रूस भेजा था.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपने गगनयान मिशन में इस्तेमाल करने के लिए भारतीय स्टार्टअप्स से कम लागत पर प्राप्त होने वाली 17 तकनीकों की पहचान की है.

मुख्य विशेषताएं

इन चिन्हित तकनीकों में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए आहार और दवाई, जीवन रक्षण प्रणाली, गैसीय आवास स्थान, थर्मल संरक्षण तकनीक और विकिरण-रोधी तकनीक शामिल हैं. इस मिशन में शामिल होने वाली कंपनियों के साथ इसरो अपनी बौद्धिक संपदा को भी साझा करेगा. भारत ने अपने गगनयान मिशन के लिए अपने वायुसेना के पायलटों को रूस भेजा था.

गगनयान मिशन

गगनयान इसरो का एक मानव समूह सहित अंतरिक्ष कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम के तहत, वायुसेना के तीन पायलटों को अंतरिक्ष में भेजा जायेगा. यह मानव सहित मिशन दिसंबर, 2021 को लॉन्च किया जायेगा. इस मानव समूह (क्रू) के साथ एक महिला रूप वाले रोबोट व्योममित्र को भी अंतरिक्ष में भेजा जायेगा. अगर अंतरिक्ष यात्रियों के लिए काबिन के भीतर का वातावरण बदलेगा और असहज हो जाएगा तो यह रोबोट चेतावनी जारी करेगा. यह अंतरिक्ष यात्रा 7 दिन की होगी.

 

पृष्ठभूमि  

गगनयान मिशन का प्रारंभ ग्यारहवीं पंच वर्षीय योजना के दौरान किया गया था. इस मिशन की अनुमानित कुल लागत 124 बिलियन रुपये तक है. वर्ष 2012 में 500 मिलियन रुपये जारी किये गए थे. वर्ष 2018 में भारत सरकार ने 100 मिलियन रुपये मंजूर किये.

इस मिशन में स्टार्टअप्स को शामिल करने की योजना के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आत्म निर्भर भारत अभियान घोषणा के पांचवें हिस्से के दौरान भी घोषणा की गई है. इस योजना के तहत 20 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं. इस योजना से पूर्व, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का भी शुभारंभ किया गया था.

Articleflash

Trending 20