
पूरी दुनिया इस वक्त कोरोनावायरस से जूझ रही है। ऐसे समय में एक्सपर्ट्स भी सलाह देते हैं कि अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें, जिससे बाकी बीमारियों समेत कोरोना भी आपसे दूर ही रहे। आस-पास कचरे के सड़ने से घातक बीमारियां हो सकती हैं। सिर्फ आपका ही स्वास्थ्य नहीं, बल्कि कूड़ा हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। आइए, इस पर्यावरण दिवस पर जानते हैं कि कैसे छोटे-छोटे उपायों से हम कचरे को ठिकाने लगाकर खुद को और पर्यावरण को भी स्वस्थ रख सकते हैं।
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पूरी दुनिया इस वक्त कोरोनावायरस से जूझ रही है। ऐसे समय में एक्सपर्ट्स भी सलाह देते हैं कि अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें, जिससे बाकी बीमारियों समेत कोरोना भी आपसे दूर ही रहे। आस-पास कचरे के सड़ने से घातक बीमारियां हो सकती हैं। सिर्फ आपका ही स्वास्थ्य नहीं, बल्कि कूड़ा हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। आइए, इस पर्यावरण दिवस पर जानते हैं कि कैसे छोटे-छोटे उपायों से हम कचरे को ठिकाने लगाकर खुद को और पर्यावरण को भी स्वस्थ रख सकते हैं।
हम कैसे कर सकते हैं योगदान?
1. सूती कपड़े का या कागज से बना झोला इस्तेमाल करना
2. रोजाना फर्श साफ करने के बाद पोंछे का पानी (फिनाइल रहित) गमलों व पौधों में डालें।
3. दाल, सब्जी, चावल धोने के बाद इकट्ठा पानी गमलों व क्यारियों में डालें। बाहर न फेंके।
4. कचरे को जलाने की बजाय रिसाइकिल किया जाए।
5. खुले में कचरा फैलाने वालों पर उचित कार्रवाई हो।
6. कचरा प्रबंधन विषय पर रिसर्च प्रोग्राम्स को बढ़ावा मिले।
7. प्लास्टिक, कांच, धातु और कागज जैसे फिर से उपयोग में लाए जा सकने वाले पदार्थों को शुरू में ही कूड़े से अलग कर लेना चाहिए।
8. घर का कचरा (सब्जी, फल, अनाज) पशुओं को खिलाएं।
9. अन्न का दुरुपयोग न करें। बचा खाना गरीबों में बांटें।
10. यहां-वहां थूककर गंदगी न फैलाएं। पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करें।
11. शहरी ठोस कचरे को ठिकाने लगाने में नागरिकों, उद्योगों, अस्पतालों और एनजीओ को नगरपालिका अधिकारियों से पूरा सहयोग करना चाहिए।
4 R का करें इस्तेमाल
आर (रियूज)- किसी भी चीज को बेकार समझकर न फेंकें। हर चीज़ का दोबारा प्रयोग हो सकता है। दिमाग लगाने के जरूर है।
आर (रिड्यूस)- बेहतर होगा कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल धीरे-धीरे बंद कर दें और इसके विकल्पों जैसे जूट या कपड़े का थैला, कागज के लिफाफे का इस्तेमाल करें।
आर (रीफ्यूज)- जिसे रिसाइकिल नहीं किया जा सकता, उसके इस्तेमाल से बचें। साथ ही ऐसी रीसाइकिल होने लायक प्लास्टिक को भी न कहें जिसकी जरूरत न हो।
आर (रीसाइकिल)- ऐसी चीज़ें जिन्हें रीसाइकिल किया जा सकता है, उन्हें एक जगह इकट्ठा कर कबाड़ी वाले को बचे दें। इन चीज़ों में लोहा, एल्युमिनियम, प्लास्टिक, कांच शामिल हैं।