सुनील गावस्कर भारत के क्रिकेट के पूर्व-खिलाड़ी हैं। सुनील गावस्कर वर्तमान युग में क्रिकेट के महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। इन्होंने बल्लेबाजी से संबंधित कई कीर्तिमान स्थापित किए। सनी का जन्म 10 जुलाई 1949 को मुम्बई (महाराष्ट्र) में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम मार्शनील है। इनके पुत्र रोहन गावस्कर भी भारतीय क्रिकेट टीम में खेल चुके हैं।
इन्होंने बल्लेबाज़ी से संबंधित कई कीर्तिमान स्थापित किए। गावस्कर (अपने समय काल में) ने विश्व क्रिकेट में 3 बार, एक वर्ष में एक हज़ार रन, सर्वाधिक शतक (34), सर्वाधिक रन (नौ हज़ार से अधिक), सर्वाधिक शतकीय भागेदारियाँ एवं प्रथम श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने वाले एकमात्र बल्लेबाज थे। 'सनी' गावस्कर की हर पारी एवं रन ऐतिहासिक होते हैं। उन्होंने भारतीय टीम का कुशल नेतृत्व किया और कई महत्त्वपूर्ण विजयें प्राप्त कीं, जिनमें 'एशिया कप' एवं 'बेसन एंण्ड हेजेस विश्वकप' (BENSON & HAZES WORLD CUP) प्रमुख है।
'क्रिकेट के आभूषण' कहे जाने वाले गावस्कर ने एक दिवसीय मैचों में भी अपनी टीम के लिए ठोस आधार प्रस्तुत किया है। वे 100 कैंचों का कीर्तिमान भी इंग्लैंड में बना चुके हैं। गावस्कर क्रिकेट की एक अद्वितीय पहेली हैं। 1986 में उनके खेल जीवन का उत्तरार्द्ध होने के बाद भी उनके खेल में और निखार आया। अपने कॉलेज की ओर से क्रिकेट खेलते समय भी वे सबसे सफल बल्लेबाज माने जाते थे। 1971 में उन्हें टैस्ट टीम के वेस्टइंडीज दौरे के लिए चुना गया था। सनी को विश्व का सर्वोपरी खिलाड़ी माना जाता है।
1975 का पहला वर्ल्डकप गावस्कर ही क्या भारत के क्रिकेटप्रेमी कभी नहीं भूल पाएँगे। उस वर्ल्डकप का जिक्र आते ही नजरों के सामने गावस्कर की नाबाद 36 रन की पारी कौंध जाती है जो उन्होंने पूरे 60 ओवर में खेली थी। इसके लिए उन्होंने 174 गेंदों का सामना किया था और सिर्फ एक चौका लगाया था।
इंग्लैंड ने 60 ओवर में चार विकेट पर 334 रन का विशाल स्कोर बनाया था, जिसके जवाब में गावस्कर की अति धीमी बल्लेबाजी के कारण भारत तीन विकेट पर 132 रन ही बना पाया था । गावस्कर की इस धीमी बल्लेबाजी के लिए तरह-तरह की चर्चाएँ होती थीं। कहा जाता था कि श्रीनिवास वेंकटराघवन को वर्ल्डकप में कप्तानी देने से नाराज गावस्कर ने ऐसी पारी खेली थी।
हालाँकि खुद गावस्कर का कहना था कि उन्होंने कई बार अपना विकेट खुला छोड़ा मगर विपक्षी गेंदबाजों ने उन्हें आउट नहीं किया। उन्होंने बाद में दावा किया था कि वह खुद को खेल की गति से एडजस्ट नहीं कर पा रहे । गावस्कर मैदान में एक के बाद एक गेंदें बर्बाद कर रहे थे और भारतीय समर्थकों और टीम साथियों की हताशा का अंदाजा लगाना वाकई मुश्किल काम था। सुनील गावस्कर की शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल तथा सेंट जेवियर्स कालेज में हुई । उन्होंने क्रिकेट की शिक्षा ‘गिल्स’ तथा ‘हैरिस’ शील्ड टूर्नामेंट के लिए खेलते हुए प्राप्त की ।
उन्होंने पश्चिमी जोन के लिए खेलते हुए अखिल भारतीय स्कूल टूर्नामेंटो में बहुत अच्छा स्कोर बनाया । उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए उन्हें जे. सी. मुखर्जी मेमोरियल पुरस्कार प्रदान किया गया । उसके पश्चात् सेंट जेवियर्स कालेज में पढ़ते हुए भी उन्होंने ”इंटर यूनीवर्सिटी क्रिकेट” में उत्तम सफलता प्राप्त की । उन्होंने दादर संघ में शामिल होकर विज्जी ट्राफी के लिए खेला और उन्हें बम्बई टीम में आने के लिए न्यौता मिल गया । जिसमें उन्होंने ईरानी ट्राफी व रणजी ट्राफी के लिए खेला ।
सुनील गावस्कर ने अनेक नए रिकार्ड बनाए तथा पुराने रिकार्ड तोड़े । उन्होंने सर्वाधिक 34 शतक बनाने का रिकार्ड बनाया तथा टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन बनाने वाले विश्व के प्रथम खिलाड़ी बने । बाद में एलन बार्डर ने उनका रिकार्ड तोड़ा ।
सुनील गावस्कर आज तक एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने एक कैलेंडर वर्ष में एक हजार रन बनाए और यह करिश्मा उन्होंने चार बार कर दिखाया ।
कुल एक वर्ष (12 माह) में 1984 रन बनाने का रिकार्ड भी सुनील गावस्कर के नाम है । उन्होंने 17 अक्टूबर 1978 से 13 अक्टूबर 1979 के बीच दो द्विशतक, 6 शतक, 9 अर्धशतक लगाकर 1984 रन बनाने का अभूतपूर्व रिकार्ड बनाया ।
अपने कॉलेज के दिनों से ही सुनील गावस्कर एक अच्छे क्रिकेटर की तोर पर देखने को मिलते थे, तभी से कॉलेज में उनकी क्रिकेट खेलने की स्टाइल को सब पसंद करने लगे थे। वे सबसे सफल बल्लेबाज माने जाते थे।
1971 में उन्हें वेस्टइंडीज के ऐतिहासिक दौरे के लिए टैस्ट टीम में चुना गया था। वे अकेले ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने वेस्टइंडीज के विरुद्ध 27 टैस्टों में 2749 रन, इंग्लैंड के विरुद्ध 38 टैस्टों में 2483 रन, पाकिस्तान के विरुद्ध 24 टैस्टों में 2089 रन और आस्ट्रेलिया के विरुद्ध 20 टैस्टों में 1550 रन बनाये।
क्रिकेट के मैदान में अपने अदभुत प्रदर्शन और रिकॉर्ड तोड़ने के कारण वे विश्व के श्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं। उन्होंने 34 शतक बनाकर डॉन ब्रेडमेन का रिकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने 10,000 रन बनाये, जो किसी बल्लेबाज व्दारा बनाये गए सबसे ज्यादा रन हैं। सुनील विश्व के अकेले ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने एक क्रिकेट-वर्ष में तीन बार 1000 रन बनाये। उनके कुशल नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम ने कई महत्वपूर्ण विजयें प्राप्त कीं जिनमें से ‘एशियाकप’ व ‘बेन्सन एंड हेजेस विश्वकप’ प्रमुख हैं। उन्होंने 125 टेस्ट मैच खेले।
रोचक तथ्य :
1. सुनील गावस्कर के बारे में एक आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि वह अपने शरीर (कद 5 फ़ुट 5 इंच, वज़न 66 किलो) की ठीक-ठाक रखने के लिए क्रिकेट के मैदान से सीधे बैडमिंटन के मैदान में पहुँच जाते हैं।
2. पुस्तकें पढ़ने और संगीत सुनने का उन्हें बहुत ही शौक़ है। उन्होंने स्वयं भी 'सनी डेज़' नामक एक पुस्तक लिखी है और हमेशा लोगों से क्रिकेट की शब्दावली में बात करते हैं।
3. कहते हैं कि एक बार वह अपनी कार में कहीं पर जा रहे थे उनकी कार के आगे एक आदमी आ गया। उन्होंने ब्रैक लगाया और कार से उतरकर उस आदमी के पास गए और बोले–"अरे भाई, देखकर चला करो, नहीं तो रन आउट हो जाओगे।" उस आदमी को यह पहचानने में ज़रा भी देर नहीं लगी कि यह तो सुनील गावस्कर है।
4. गावस्कर विश्व क्रिकेट में 10,000 रन और 30 शतक करने वाले पहले बल्लेबाज़ थे।
अवार्ड्स :
1. 1975 में ‘अर्जून’पुरस्कार.
2. 1980 में ‘पदमभूषण’ और
3. 1980 में ‘विस्डेन’ पुरस्कार.
किताबे :
1. ‘सनिडेज’,
2. ‘आइडल्स’,
3. ‘रन्स एंड रुइन्स’,
4. ‘वन डे वन्डर’.
