अंजलि भागवत का जन्म 5 दिसंबर 1969 को हुआ था, वह मुंबई में एक कोंकणी परिवार से है। महान एथलीट कार्ल लुईस से प्रेरित होकर, भागवत ने खेल में रूचि विकसित की राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) में कैडेट के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान शूटिंग के दौरान उनका पहला ब्रश हुआ। जूडो कराटे और उन्नत पर्वतारोहण के एक छात्र, भागवत एनसीसी के प्रति बहुत ज्यादा आकर्षित थे। वह मुंबई में कीर्ति महाविद्यालय में मुख्य रूप से एनसीसी के करीबी रिश्ते के साथ जुड़ गई। अपने पाठ्यक्रम के एक हिस्से के रूप में उन्हें एमआरए (महाराष्ट्र राइफल एसोसिएशन) में मिला। उसने 21 वर्ष की उम्र में शूटिंग शुरू कर दी और बंदूक रखने के 7 दिनों के भीतर, उन्होंने 1988 में नेशनल चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया, इस प्रक्रिया में महाराष्ट्र के लिए रजत पदक जीता।
विवाह
अंजलि के पति मंदार भागवत उन्हें पूरा सहयोग देते हैं। अंजलि की सुन्दर नाकनक्श को देखकर उनके घर विज्ञापन तथा फिल्मों के ऑफर भी आए थे। इस बारे में अंजलि बताती हैं, मलयालम फिल्म निदेशक जयराज ने मुझे बुलाकर कहा था कि उनके पास मेरे लिए एक फिल्म की स्क्रिप्ट है। मैंने उसे हंस कर टाल दिया। मेरे पास फिल्मों की शूटिंग के लिए वक्त नहीं है, मैं अपनी शूटिंग में ही व्यस्त हूँ।" अंजलि का विवाह वर्ष 2000 में मंदार के साथ हुआ था। अंजलि का कहना था कि विवाह के वक्त मंदार खुश थे कि मेरी पत्नी 9 से 5 बजे तक की नौकरी नहीं करती। इसीलिए मैं भी उत्साहित थी। हमारी तीन मुलाकातों के बाद हमने एक दूसरे को हां कह दिया। लेकिन तभी मैं चैंपियनशिप के लिए बाहर चली गई और डेढ़ माह के पश्चात् लौटी। तब मुझे डर लग रहा था कि लौटते वक्त एयरपोर्ट पर मंदार को कैसे पहचानूंगी। वैसे मैं घर पर सभी घरेलू काम बखूबी निभाती हूं। अंजलि के पति मंदार की इच्छा है कि उनकी पत्नी सुर्खियों में छाई रहेंं और देश का नाम रोशन करें।
अंजलि भागवत केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में खेल कोटे के अन्तर्गत इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत हैंं। अंजलि को विश्वास है कि क्रिकेट की भांति एक दिन शूटिंग का खेल भी दर्शकों में लोकप्रिय होगा। 2000 के सिडनी ओलंपिक में फाइनल में जगह बनाने वाली अंजलि पहली महिला शूटर हैं। फाइनल में आठ प्रतियोगियों के बीच वह मात्र 493.1 अंक बना कर अंतिम स्थान पर रहीं। वह नियमित रूप से योगाभ्यास, मानसिक व्यायाम, श्वास सम्बन्धी व्यायाम व शूटिंग अभ्यास करती हैं। वह स्त्री होने पर गर्व महसूस करती हैं।
उपकरण और प्रायोजक
भागवत अपने एयर राइफल कार्यक्रमों के लिए एक जर्मन निर्मित राइफल फेंवेरकेबाउ का उपयोग करता है। 10 मीटर के लिए वह एक फ़िनवेर्करबाउ पसंद करती है, जबकि 50 मीटर के लिए वह एक .22 वाल्थर का उपयोग करती है।
भागवत की पहली किट उन्हें बॉलीवुड अभिनेता और एक साथी शूटर नाना पाटेकर ने 1 99 3 में भेंट की थी। वह 2000 में हिंदुजा फाउंडेशन द्वारा आधिकारिक तौर पर प्रायोजित थी, और बाद में 2008 में मित्तल चैंपियंस ट्रस्ट द्वारा प्रायोजित किया गया। हुंडई निगम ने 2004 से पहले उनकी प्रशिक्षण का समर्थन किया ।
उपलब्धियां
1992 में अंजलि को शिव छत्रपति अवार्ड दिया गया |
1993 में अंजलि को ‘महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार’ देकर सम्मानित किया गया |
वर्ष 2001 में कशाबा जाधव अवार्ड दिया गया ।
वर्ष 2002 में अंजलि को अमेरिकन सोसायटी की ओर से ”यंग एचीवर” अवार्ड दिया गया |
वर्ष 2003 में उसे ‘महाराष्ट्र शान’ पुरस्कार दिया गया ।
वर्ष 2000 में अजंलि को सर्वाधिक महत्वाकांक्षी पुरस्कार-‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया ।
आई.एस.एस.एफ. रेटिंग के अनुसार अजंलि काफी समय तक 10 मी. एयर राइफल स्पर्धा में महिलाओं में एक नम्बर स्थान (रैंक 1) रही |
वर्ष 2002 में सिडनी विश्व कप में 397/400 अंक पर अजंलि ने रजत पदक प्राप्त किया |
वर्ष 2002 में ही अटलांटा विश्व कप में अजंलि ने अपना रिकार्ड सुधारते हुए 399/400 का का स्कोर बनाकर रजत पदक जीता ।
म्यूनिख वर्ल्ड कप 2002 में अंजलि ने रजत पदक हासिल किया और इस में पदक जीत कर अजंलि ने यह पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय शूटर होने का गौरव हासिल किया ।
यहां अंजलि ने ‘चैंपियंस ट्राफी’ जीती और उसे वर्ष 2002 का ‘‘चैंपियन ऑफ चैंपियंस’‘ घोषित किया गया । एयर राइफल के महिला, पुरुष व मिश्रित श्रेणी में उसे इस पुरस्कार के लिए चुना गया ।
जनवरी 2002 में अजंलि ने डेन हेग एयर वेपन चैंपियनशिप में विश्व रिकार्ड की बराबरी करते हुए चार स्वर्ण, सात रजत व एक कांस्य पदक जीते ।
वर्ष 2000 में वह सिडनी ओलंपिक में पहले प्रयास में ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली प्रथम भारतीय शूटर बन गई
वर्ष 2002 में मानचेस्टर राष्ट्रमडल खेलों में 4 स्वर्ण पदक जीते । ये पदक उसने व्यक्ति व पेयर स्पर्धाओं (एयर राइफल, स्माल बोर राइफल थ्री पोजीशन) प्राप्त किए ।
‘सैमसंग इंडिया’ ने उसे ओलंपिक के लिए स्पांसर किया था |
वर्ष 2005 में हीरो होंडा स्पोर्ट्स अकादमी ने शूटिंग की वर्ष 2004 की श्रेष्ठतम खिलाड़ी के रूप में नामांकित किया ।
वर्ष 2006 में मेलबर्न (आस्ट्रेलिया) में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में अजंलि ने पेयर्स स्पर्धा में रजत पदक प्राप्त किया ।
