ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) महिलाओं में सबसे आम कैंसर में से एक है। यह तब होता है जब स्तनों की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होने लगती है और वे एक ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। यदि इसका समय पर निदान और इलाज न हो, तो यह कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। ब्रेस्ट कैंसर का जल्दी पता लगाकर इसका प्रभावी उपचार संभव है, इसलिए इसके लक्षणों और कारणों के बारे में जागरूक होना बहुत जरूरी है। ब्रेस्ट कैंसर के कारण ब्रेस्ट कैंसर का सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ कारक इस बीमारी के होने की संभावना को बढ़ाते हैं। ये कारण इस प्रकार हैं: आनुवांशिकता: जिन महिलाओं के परिवार में पहले से किसी को ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है, उनमें इस बीमारी की संभावना अधिक होती है। BRCA1 और BRCA2 जैसे जेनेटिक म्यूटेशन से यह जोखिम और भी बढ़ जाता है। उम्र: उम्र बढ़ने के साथ ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है। यह बीमारी आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में पाई जाती है। हार्मोनल असंतुलन: लंबे समय तक हार्मोनल थेरेपी या अत्यधिक एस्ट्रोजन के संपर्क में आने से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। महिलाओं में देर से गर्भावस्था या गर्भधारण न होना: जो महिलाएं देर से गर्भवती होती हैं या कभी गर्भधारण नहीं करतीं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक होता है। अनियमित जीवनशैली: शराब का सेवन, धूम्रपान, अनियमित आहार, और मोटापा जैसी आदतें ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं। रेडिएशन का प्रभाव: यदि किसी ने अतीत में रेडिएशन थेरेपी ली है, तो उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना अधिक हो सकती है। ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती चरणों में कोई विशेष लक्षण नजर नहीं आते हैं, लेकिन समय के साथ कुछ सामान्य लक्षण दिखाई देने लगते हैं: स्तन में गांठ: स्तन में कोई भी नई गांठ या थिकनेस ब्रेस्ट कैंसर का प्रमुख संकेत हो सकता है। स्तनों का आकार या आकार में बदलाव: यदि किसी एक स्तन का आकार या बनावट अचानक बदलता है, तो यह चिंता का कारण हो सकता है। निप्पल में बदलाव: निप्पल में असामान्य बदलाव, जैसे खींचाव, दर्द, या अचानक डिस्चार्ज होना, ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है। त्वचा में परिवर्तन: स्तन की त्वचा का रंग बदलना, लालिमा, सूजन, या त्वचा पर डिंपल्स पड़ना भी संभावित लक्षण हैं। बगल में दर्द या सूजन: ब्रेस्ट कैंसर का फैलाव नजदीकी लिम्फ नोड्स (बगल में) तक हो सकता है, जिससे दर्द या सूजन हो सकती है। ब्रेस्ट कैंसर का निदान यदि आप उपरोक्त लक्षणों में से किसी का अनुभव कर रही हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करें। ब्रेस्ट कैंसर का सही समय पर निदान जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षणों का उपयोग करके इसका निदान कर सकते हैं: मैमोग्राफी: यह ब्रेस्ट कैंसर के लिए सबसे सामान्य स्क्रीनिंग तकनीक है, जिसमें स्तनों की एक्स-रे तस्वीर ली जाती है। अल्ट्रासाउंड: अल्ट्रासाउंड का उपयोग गांठ की जांच के लिए किया जाता है और इससे यह पता चलता है कि गांठ ठोस है या फ्लुइड से भरी हुई है। बायोप्सी: बायोप्सी में स्तन से थोड़ी सी टिश्यू निकालकर उसकी लैब में जांच की जाती है, जिससे कैंसर की पुष्टि की जाती है। MRI: ब्रेस्ट की विस्तृत तस्वीर लेने के लिए MRI स्कैन का भी उपयोग किया जा सकता है। ब्रेस्ट कैंसर का उपचार ब्रेस्ट कैंसर का उपचार उसकी स्टेज और प्रकार पर निर्भर करता है। कुछ सामान्य उपचार विकल्प इस प्रकार हैं: सर्जरी: ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है। सर्जरी के दौरान कभी-कभी केवल कैंसरस टिश्यू निकाला जाता है (लंपेक्टॉमी), जबकि कुछ मामलों में पूरे स्तन को हटाना पड़ सकता है (मास्टेक्टॉमी)। रेडिएशन थेरेपी: रेडिएशन के जरिए कैंसरस कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। इसका उपयोग सर्जरी के बाद बचे हुए कैंसर को खत्म करने के लिए किया जाता है। कीमोथेरेपी: कैंसर की कोशिकाओं को मारने के लिए कीमोथेरेपी का उपयोग किया जाता है। इसे सर्जरी से पहले या बाद में दिया जा सकता है, और यह कैंसर को फैलने से रोकने में मदद करती है। हार्मोन थेरेपी: यह उपचार हार्मोनल असंतुलन से जुड़े कैंसर के लिए उपयुक्त होता है। इसे उन महिलाओं में इस्तेमाल किया जाता है जिनके कैंसर की वृद्धि हार्मोन्स पर निर्भर होती है। टारगेटेड थेरेपी: यह थेरेपी केवल कैंसर की कोशिकाओं पर काम करती है और स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर का इलाज करती है। ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है: स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और शराब-धूम्रपान से दूर रहना ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। नियमित जांच: 40 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं को नियमित रूप से मैमोग्राफी करवानी चाहिए। इससे ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती चरण में पता लगाया जा सकता है। सेल्फ एग्जामिनेशन: नियमित रूप से स्तनों का स्वयं परीक्षण (सेल्फ एग्जामिनेशन) करें ताकि किसी भी असामान्य बदलाव का समय रहते पता लगाया जा सके। हार्मोनल थेरेपी का सीमित उपयोग: लंबे समय तक हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का उपयोग करने से बचें, क्योंकि यह ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है।
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ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर: कारण, लक्षण और उपचार
ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसका समय पर निदान और सही उपचार से बचाव संभव है। इस बीमारी के बारे में जागरूक रहना और नियमित रूप से अपनी जांच कराना आवश्यक है। जीवनशैली में सुधार, सही खानपान और समय पर जांच से आप इस बीमारी से बचाव कर सकती हैं।
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