Ramayan
|| उत्तरकाण्ड ||
उत्तरकाण्ड में राज्याभिषेक से काकभुशुण्डि तक के घटनाक्रम आते हैं। नीचे उत्तरकाण्ड से जुड़े घटनाक्रमों की विषय सूची दी गई है। आप जिस भी घटना के बारे में पढ़ना चाहते हैं उसकी लिंक पर क्लिक करें।
- मंगलाचरण
- भरत विरह तथा भरत-हनुमान मिलन, अयोध्या में आनंद
- श्री रामजी का स्वागत, भरत मिलाप, सबका मिलनानन्द
- राम राज्याभिषेक, वेदस्तुति, शिवस्तुति
- वानरों की और निषाद की विदाई
- रामराज्य का वर्णन
- पुत्रोत्पति, अयोध्याजी की रमणीयता, सनकादिका आगमन और संवाद
- हनुमान्जी के द्वारा भरतजी का प्रश्न और श्री रामजी का उपदेश
- श्री रामजी का प्रजा को उपदेश (श्री रामगीता), पुरवासियों की कृतज्ञता
- श्री राम-वशिष्ठ संवाद, श्री रामजी का भाइयों सहित अमराई में जाना
- नारदजी का आना और स्तुति करके ब्रह्मलोक को लौट जाना
- शिव-पार्वती संवाद, गरुड़ मोह, गरुड़जी का काकभुशुण्डि से रामकथा और राम महिमा सुनना
- काकभुशुण्डि का अपनी पूर्व जन्म कथा और कलि महिमा कहना
- गुरुजी का अपमान एवं शिवजी के शाप की बात सुनना
- रुद्राष्टक
- गुरुजी का शिवजी से अपराध क्षमापन, शापानुग्रह और काकभुशुण्डि की आगे की कथा
- काकभुशुण्डिजी का लोमशजी के पास जाना और शाप तथा अनुग्रह पाना
- ज्ञान-भक्ति-निरुपण, ज्ञान-दीपक और भक्ति की महान् महिमा
- गरुड़जी के सात प्रश्न तथा काकभुशुण्डि के उत्तर
- भजन महिमा
- रामायण माहात्म्य, तुलसी विनय और फलस्तुति
- रामायणजी की आरती
|| लंकाकाण्ड ||
लंकाकाण्ड में पुल निर्माण से राम-रावण युद्ध व अयोध्या वापसी तक के घटनाक्रम आते हैं। नीचे लंकाकाण्ड से जुड़े घटनाक्रमों की विषय सूची दी गई है। आप जिस भी घटना के बारे में पढ़ना चाहते हैं उसकी लिंक पर क्लिक करें।
- मंगलाचरण
- नल-नील द्वारा पुल बाँधना, श्री रामजी द्वारा श्री रामेश्वर की स्थापना
- श्री रामजी का सेना सहित समुद्र पार उतरना, सुबेल पर्वत पर निवास, रावण की व्याकुलता
- रावण को मन्दोदरी का समझाना, रावण-प्रहस्त संवाद
- सुबेल पर श्री रामजी की झाँकी और चंद्रोदय वर्णन
- श्री रामजी के बाण से रावण के मुकुट-छत्रादि का गिरना
- मन्दोदरी का फिर रावण को समझाना और श्री राम की महिमा कहना
- अंगदजी का लंका जाना और रावण की सभा में अंगद-रावण संवाद
- रावण को पुनः मन्दोदरी का समझाना
- अंगद-राम संवाद, युद्ध की तैयारी
- युद्धारम्भ
- माल्यवान का रावण को समझाना
- लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध, लक्ष्मणजी को शक्ति लगना
- हनुमानजी का सुषेण वैद्य को लाना एवं संजीवनी के लिए जाना, कालनेमि-रावण संवाद, मकरी उद्धार, कालनेमि उद्धार
- भरतजी के बाण से हनुमान् का मूर्च्छित होना, भरत-हनुमान् संवाद
- श्री रामजी की प्रलापलीला, हनुमान्जी का लौटना, लक्ष्मणजी का उठ बैठना
- रावण का कुम्भकर्ण को जगाना, कुम्भकर्ण का रावण को उपदेश और विभीषण-कुम्भकर्ण संवाद
- कुम्भकर्ण युद्ध और उसकी परमगति
- मेघनाद का युद्ध, रामजी का लीला से नागपाश में बँधना
- मेघनाद यज्ञ विध्वंस, युद्ध और मेघनाद उद्धार
- रावण का युद्ध के लिए प्रस्थान और श्री रामजी का विजयरथ तथा वानर-राक्षसों का युद्ध
- लक्ष्मण-रावण युद्ध
- रावण मूर्च्छा, रावण यज्ञ विध्वंस, राम-रावण युद्ध
- इंद्र का श्री रामजी के लिए रथ भेजना, राम-रावण युद्ध
- रावण का विभीषण पर शक्ति छोड़ना, रामजी का शक्ति को अपने ऊपर लेना, विभीषण-रावण युद्ध
- रावण-हनुमान् युद्ध, रावण का माया रचना, रामजी द्वारा माया नाश
- घोरयुद्ध, रावण की मूर्च्छा
- त्रिजटा-सीता संवाद
- रावण का मूर्च्छा टूटना, राम-रावण युद्ध, रावण वध, सर्वत्र जयध्वनि
- मन्दोदरी-विलाप, रावण की अन्त्येष्टि क्रिया
- विभीषण का राज्याभिषेक
- हनुमान्जी का सीताजी को कुशल सुनाना, सीताजी का आगमन और अग्नि परीक्षा
- देवताओं की स्तुति, इंद्र की अमृत वर्षा
- विभीषण की प्रार्थना, श्री रामजी के द्वारा भरतजी की प्रेमदशा का वर्णन, शीघ्र अयोध्या पहुँचने का अनुरोध
- विभीषण का वस्त्राभूषण बरसाना और वानर-भालुओं का उन्हें पहनना
- पुष्पक विमान पर चढ़कर श्री सीता-रामजी का अवध के लिए प्रस्थान, श्री रामचरित्र की महिमा
|| सुंदरकाण्ड ||
सुंदरकाण्ड में हनुमान का लंका प्रस्थान, लंका दहन से लंका से वापसी तक के घटनाक्रम आते हैं। नीचे सुंदरकाण्ड से जुड़े घटनाक्रमों की विषय सूची दी गई है। आप जिस भी घटना के बारे में पढ़ना चाहते हैं उसकी लिंक पर क्लिक करें।
- मंगलाचरण
- हनुमान्जी का लंका को प्रस्थान, सुरसा से भेंट, छाया पकड़ने वाली राक्षसी का वध
- लंका वर्णन, लंकिनी वध, लंका में प्रवेश
- हनुमान्-विभीषण संवाद
- हनुमान्जी का अशोक वाटिका में सीताजी को देखकर दुःखी होना और रावण का सीताजी को भय दिखलाना
- श्री सीता-त्रिजटा संवाद
- श्री सीता-हनुमान् संवाद
- हनुमान्जी द्वारा अशोक वाटिका विध्वंस, अक्षय कुमार वध और मेघनाद का हनुमान्जी को नागपाश में बाँधकर सभा में ले जाना
- हनुमान्-रावण संवाद
- लंकादहन
- लंका जलाने के बाद हनुमान्जी का सीताजी से विदा माँगना और चूड़ामणि पाना
- समुद्र के इस पार आना, सबका लौटना, मधुवन प्रवेश, सुग्रीव मिलन, श्री राम-हनुमान् संवाद
- श्री रामजी का वानरों की सेना के साथ चलकर समुद्र तट पर पहुँचना
- मंदोदरी-रावण संवाद
- रावण को विभीषण का समझाना और विभीषण का अपमान
- विभीषण का भगवान् श्री रामजी की शरण के लिए प्रस्थान और शरण प्राप्ति
- समुद्र पार करने के लिए विचार, रावणदूत शुक का आना और लक्ष्मणजी के पत्र को लेकर लौटना
- दूत का रावण को समझाना और लक्ष्मणजी का पत्र देना
- समुद्र पर श्री रामजी का क्रोध और समुद्र की विनती, श्री राम गुणगान की महिमा
|| किष्किंधाकाण्ड ||
किष्किंधाकाण्ड में हनुमान मिलन से बालि वध व सीता खोज की तैयारी तक के घटनाक्रम आते हैं। नीचे किष्किंधाकाण्ड से जुड़े घटनाक्रमों की विषय सूची दी गई है। आप जिस भी घटना के बारे में पढ़ना चाहते हैं उसकी लिंक पर क्लिक करें।
- मंगलाचरण
- श्री रामजी से हनुमानजी का मिलना और श्री राम-सुग्रीव की मित्रता
- सुग्रीव का दुःख सुनाना, बालि वध की प्रतिज्ञा, श्री रामजी का मित्र लक्षण वर्णन
- सुग्रीव का वैराग्य
- बालि-सुग्रीव युद्ध, बालि उद्धार, तारा का विलाप
- तारा को श्री रामजी द्वारा उपदेश और सुग्रीव का राज्याभिषेक तथा अंगद को युवराज पद
- वर्षा ऋतु वर्णन
- शरद ऋतु वर्णन
- श्री राम की सुग्रीव पर नाराजी, लक्ष्मणजी का कोप
- सुग्रीव-राम संवाद और सीताजी की खोज के लिए बंदरों का प्रस्थान
- गुफा में तपस्विनी के दर्शन, वानरों का समुद्र तट पर आना, सम्पाती से भेंट और बातचीत
- समुद्र लाँघने का परामर्श, जाम्बवन्त का हनुमान्जी को बल याद दिलाकर उत्साहित करना, श्री राम-गुण का माहात्म्य
|| अरण्यकाण्ड ||
अरण्यकाण्ड में शूर्पणखा वध से सीता हरण प्रकरण तक के घटनाक्रम आते हैं। नीचे अरण्यकाण्ड से जुड़े घटनाक्रमों की विषय सूची दी गई है। आप जिस भी घटना के बारे में पढ़ना चाहते हैं उसकी लिंक पर क्लिक करें।
- मंगलाचरण
- जयंत की कुटिलता और फल प्राप्ति
- अत्रि मिलन एवं स्तुति
- श्री सीता-अनसूया मिलन और श्री सीताजी को अनसूयाजी का पतिव्रत धर्म कहना
- श्री रामजी का आगे प्रस्थान, विराध वध और शरभंग प्रसंग
- राक्षस वध की प्रतिज्ञा करना, सुतीक्ष्णजी का प्रेम, अगस्त्य मिलन, अगस्त्य संवाद
- राम का दंडकवन प्रवेश, जटायु मिलन, पंचवटी निवास और श्री राम-लक्ष्मण संवाद
- शूर्पणखा की कथा, शूर्पणखा का खरदूषण के पास जाना और खरदूषणादि का वध
- शूर्पणखा का रावण के निकट जाना, श्री सीताजी का अग्नि प्रवेश और माया सीता
- मारीच प्रसंग और स्वर्णमृग रूप में मारीच का मारा जाना, सीताजी द्वारा लक्ष्मण को भेजना
- श्री सीताहरण और श्री सीता विलाप
- जटायु-रावण युद्ध, अशोक वाटिका में सीताजी को रखना
- श्री रामजी का विलाप, जटायु का प्रसंग, कबन्ध उद्धार
- शबरी पर कृपा, नवधा भक्ति उपदेश और पम्पासर की ओर प्रस्थान
- नारद-राम संवाद
- संतों के लक्षण और सत्संग भजन के लिए प्रेरणा